इस प्रभाग का सृजन वामपंथी उग्रवाद की समस्या का समग्र रूप में प्रभावी तरीके से निराकरण करने के लिए मंत्रालय में 19 अक्तूबर, 2006 को किया गया था। वामपंथी उग्रवाद प्रभाग वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में क्षमता निर्माण के उद्देश्य से सुरक्षा संबंधी योजनाएं कार्यान्वित करता है। यह प्रभाग वामपंथी उग्रवाद की स्थिति तथा प्रभावित राज्यों द्वारा किए जा रहे प्रतिरोधी उपायों की निगरानी करता है। वामपंथी उग्रवाद प्रभाग वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों की विभिन्न विकास संबंधी योजनाओं के कार्यान्वयन का समन्वय करता है। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और केरल राज्यों को वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित माना जाता है, हालांकि अलग-अलग राज्यों में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति अलग-अलग है।
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विशेष अवसंरचना योजना (SIS): वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों की नियमित मांग पर सरकार द्वारा ‘पुलिस बलों के आधुनिकीकरण’ की अम्ब्रेला स्कीम की उप-योजना के रूप में इस योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना के तहत सुरक्षा से संबंधित बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए राज्यों को धन उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना के तहत 1741 करोड़ रुपये की परियोजनाओं/कार्यों को मंजूरी दी गई है। इन स्वीकृत कार्यों में 306 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन शामिल हैं, जिनमें से 210 का निर्माण किया जा चुका है।
फोर्टीफाइड पुलिस थानों की योजना: इस योजना के अंतर्गत वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित 10 राज्यों में 400 फोर्टीफाइड पुलिस थानों का निर्माण किया गया है।
वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में कुल मिलाकर 610 फोर्टिफाइड पुलिस थानों का निर्माण किया गया है।
वामपंथी उग्रवाद से निपटने की योजना के लिए केन्द्रीय एजेंसियों को सहायता: इस योजना का पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की अम्ब्रेला स्कीम की उप-योजना के रूप में क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत अवसंरचना के सुदृढ़ीकरण और हेलीकॉप्टर्स (केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों/भारतीय वायु सेना आदि) किराए पर लेने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों को सहायता प्रदान की जाती है।
सिविक ऐक्शन प्रोग्राम: वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में नागरिक कार्रवाई कार्यक्रम वैयक्तिक संपर्क के माध्यम से सुरक्षा बलों और स्थानीय लोगों के बीच दूरी को कम करने और स्थानीय लोगों के समक्ष सुरक्षा बलों का मानवीय चेहरा प्रदर्शित करने के लिए पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की अम्ब्रेला योजना की उप-योजना के रूपमें इस योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है । यह योजना अपने लक्ष्य हासिल करने में बहुत सफल रही है। इस योजना के अंतर्गत स्थानीय लोगों के कल्याणहेतु विभिन्न नागरिक गतिविधियां चलाने के लिए वामपंथी उग्रवाद से प्रभावितक्षेत्रों में तैनात केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को निधियां जारी की जाती हैं। 2017-18 से केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को 123.21 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
मीडिया प्लान: यह योजना पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की अम्ब्रेला स्कीम की उप-योजना के रूपमेंक्रियाविन्त की जा रही है। माओवादी मामूली प्रोत्साहनों के माध्यम से अपनी कथित गरीब हितैषी क्रांति के द्वारा अथवा अपनी बल प्रयोग की रणनीति को अपना कर वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में निर्दोष आदिवासियों/स्थानीय लोगों को गुमराह करते रहे हैं तथा उन्हें लुभाते रहे हैं। वे सुरक्षा बलों तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था के बारे में दुष्प्रचार करते हैं। अत: सरकार वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में इस योजना को लागू कर रही है। इस योजना के अंतर्गत एन.वाई.के.एस. द्वारा ट्राइबल यूथ एक्सचेंज कार्यक्रम, रेडियो जिंगल्स, डॉक्यूमेंट्रीज, पेम्फ्लेट्स आदि जैसी गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। 2017-18 से इस योजना के तहत 52.52 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क आवश्यनकता योजना- (आर.आर.पी.-।): यह योजना 8 राज्यों अर्थात् आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित 34 जिलों में सड़क संपर्क में सुधार करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में 5361 किमी. लंबी सड़कों के निर्माण की परिकल्पना की गई थी जिसमें से 5168 किमी. लंबी सड़कों का निर्माण कर लिया गया है।
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क संपर्क परियोजना (आर.सी.पी.एल.डब्लू.ई.): सरकार ने यह योजना वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के सड़क संपर्क में ओर सुधार करने के लिए 11,725 करोड़ रु. के अनुमानित व्यय से 28.12.2016 को मंजूरी दी। इस योजना के तहत 12,228 किलोमीटर सड़क और 705 पुल सम्बंधी कार्य स्वीकृत हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय इस परियोजना के लिए नोडल मंत्रालय है। योजना के तहत शामिल सड़कों की पहचान गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों के परामर्श से की है। अब तक इस योजना के तहत 9266 किलोमीटर सड़क तथा 428 पुल सम्बंधी कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
दूरसंचार कनेक्टिविटी: दूरसंचार कनेक्टिविटी में सुधार के लिए वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 03 दूरसंचार परियोजनाएं, अर्थात्, मोबाइल कनेक्टिविटी परियोजना चरण- I और चरण- II, आकांक्षी जिलों के कवर न किए गए गांवों में 4G मोबाइल सेवाओं का प्रावधान और 4G मोबाइल सेवाओं की संतृप्ति, लागू की जा रही हैं। इन परियोजनाओं के अंतर्गत वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में कुल 10,475 मोबाइल टावरों की स्थापना की योजना है जिनमें से अब तक 5373 मोबाइल टावर चालू किए जा चुके हैं।
Aspirational District: गृह मंत्रालय को वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित 35 जिलों में Aspirational District programme की मॉनीटरिंग का काम सौंपा गया है।
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