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गृह सचिव, गृह मंत्रालय का मुख्य लेखाकरण प्राधिकारी होता है तथा वित्त सलाहकार एवं प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक की सहायता से अपने कर्तव्य का निर्वहन करता है। प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक गृह मंत्रालय के लेखा संगठन का प्रमुख होता है।

प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक की अध्यक्षता में कार्यरत विभागीय लेखाकरण संगठन, एमएचए, गृह मंत्रालय के भुगतान एवं लेखाकरण तथा आंतरिक लेखा परीक्षा कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है। इसमें प्रधान लेखा कार्यालय, नई दिल्ली में स्थित (26), चेन्नई में (1), रांची में (1), कोलकाता में (3), शिलांग में (3), पटना में (3), लखनऊ में (1), जम्मू में (2), गुवाहाटी में (2), हैदराबाद में (2), रायपुर में (1), मुंबई में (1), देहरादून में (1), और बेंगलुरु में स्थित (1), कुल 48 वेतन एवं लेखा कार्यालय तथा एक आंतरिक लेखा परीक्षा विंग शामिल हैं। प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक, मुख्य लेखा नियंत्रक, 4 लेखा नियंत्रकों, 12 उप लेखा नियंत्रकों/सहायक लेखा नियंत्रकों/सहायक निदेशक (लेखा), और 107 वरिष्ठ लेखा अधिकारियों/लेखा अधिकारियों की सहायता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता है।

प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक का कार्यालय निम्नलिखित कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है:-

  • देश के विभिन्न भागों में स्थित विभिन्न विभागों/संगठनों के वेतन और लेखा कार्यालयों तथा चेक आहरक डीडीओ के माध्यम से किए जाने वाले गृह मंत्रालय से संबंधित सभी प्रकार के भुगतान जिनमें वेतन और भत्ते, कार्यालय आकस्मिक व्यय, स्वीकार्य ऋणों के विविध भुगतान, सरकारी कर्मचारियों को अग्रिम और राज्य सरकारों को दिए जाने वाले सहायता अनुदान, ऋणों को प्राधिकृत करना भी शामिल है।
  • मंत्रालय की बजट प्राप्ति की तैयारी और लेखाकरण तथा सरकार को देय बकाया प्राप्तियों का अनुवीक्षण।
  • मंत्रालय के मासिक लेखों का संकलन और समेकन और इसका महालेखा नियंत्रक को प्रस्तुतीकरण।
  • योजनावार व्यय और नकदी प्रवाह विवरण तैयार करना।
  • विभाग के विभिन्न अधीनस्थ कार्यालयों और वेतन एवं लेखा कार्यालयों द्वारा रखे गए भुगतान एवं लेखा अभिलेखों के आंतरिक निरीक्षण की व्यवस्था करना।
  • मंत्रालय के बजट प्रभाग का पर्यवेक्षण।

'एकीकृत वित्तीय सलाहकार' योजना के तहत संशोधित परिणाम संचालित वित्तीय और लेखाकरण व्यवस्था में प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक को जो जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, उनका उल्लेख नीचे किया गया है:

प्राप्तियां, भुगतान और लेखा:

  • निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुरूप सटीक और समय पर भुगतान।
  • प्राप्तियों की समय पर वसूली।
  • मासिक और वार्षिक लेखों का समय पर और सटीक संकलन और समेकन।
  • मंत्रालय/विभाग को बैंकिंग प्रणाली द्वारा कार्यक्षम सेवा आपूर्ति।
  • निर्धारित लेखाकरण मानकों, नियमों और सिद्धांतों का पालन।
  • समय पर, सटीक, व्यापक, प्रासंगिक और उपयोगी वित्तीय रिपोर्टिंग।

आंतरिक लेखापरीक्षा/निष्पादन लेखापरीक्षा :

  • आंतरिक नियंत्रणों की पर्याप्तता और प्रभावकारिता का सामान्य रूप से और वित्तीय प्रणालियों की सुदृढ़ता और वित्तीय एवं लेखाकरण रिपोर्टों की विश्वसनीयता का विशेष रूप से आकलन ।
  • जोखिम कारकों (परिणाम बजट में निहित जोखिम सहित) की पहचान और अनुवीक्षण।
  • धन का महत्व सुनिश्चित करने के लिए सेवा वितरण तंत्र की मितव्ययिता, दक्षता और प्रभावकारिता का समीक्षात्मक मूल्यांकन; तथा
  • कार्य प्रणाली को सुकर बनाने और सुधारने के लिए एक प्रभावी अनुवीक्षण प्रणाली प्रदान करना।
  • मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की विशेष/जोखिम आधारित लेखा परीक्षा करना ताकि स्कीमों के लक्ष्यों को प्राप्त करने में अवरोध पैदा करने वाले जोखिम क्षेत्रों की पहचान की जा सके और कार्यक्रमों के निष्पादन में सुधार करने के लिए उपचारात्मक उपायों का सुझाव दिया जा सके।

अन्य वित्तीय प्रबंधन गतिविधियाँ:-

  • व्यय और नकदी प्रबंधन।
  • गैर-कर राजस्व प्राप्तियों का अनुमान और प्रवाह।
  • परिसंपत्तियों और देनदारियों का अनुवीक्षण।
  • राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रकटीकरण और रिपोर्टिंग अपेक्षाएं।

लेखा संगठन निम्नलिखित कार्यों के लिए भी जिम्मेदार है: -

  • पेंशन, भविष्य निधि और अन्य सेवानिवृत्ति दावों का त्वरित निपटान।
  • एससीटी (केंद्रीय लेनदेन का विवरण) के मासिक और वार्षिक लेखों अर्थात विनियोजन लेखा, वित्त लेखा का संकलन और प्रस्तुतीकरण तथा सीजीए तैयार करना।
  • प्रभावी वित्तीय प्रबंधन के लिए संबंधित प्राधिकारियों को लेखाकरण जानकारी उपलब्ध कराना।
  • आईटी आधारित ऑनलाइन भुगतान तथा सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) और पेंशन मामलों के निपटान के लिए पीएफएमएस के विभिन्न मॉड्यूल का कार्यान्वयन।

प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक संगठन अपनी उपर्युक्त जिम्मेदारियों का निर्वहन दो बुनियादी इकाइयों (क) वेतन और लेखा कार्यालय (ख) प्रधान लेखा कार्यालय के माध्यम से करता है।

(क) वेतन एवं लेखा कार्यालय :

यह विभागीय लेखा संगठन की मूल इकाई है। पूरे भारत में गृह मंत्रालय के कुल 48 वेतन एवं लेखा कार्यालय हैं। इसके मुख्य कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • सभी बिलों की पूर्व लेखा परीक्षा करना और उनका भुगतान करना जिसमें ऋण और सहायता अनुदान के वे बिल भी शामिल होते हैं जो गैर-चेक आहरक डीडीओ द्वारा प्रस्तुत किए जाते हैं।
  • चेक आहरक डीडीओ को त्रैमासिक साख पत्र जारी करना और उनके वाउचरों की बाद में लेखा परीक्षा करना।
  • उनके द्वारा की गई प्राप्तियों और भुगतानों के मासिक लेखों का संकलन चेक आहरक डीडीओ के लेखों को शामिल करते हुए करना।
  • सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खातों का रखरखाव करना और सेवानिवृत्ति लाभों को प्राधिकृत करना।
  • पेंशन के परिशोधन सहित पेंशन मामलों का निपटारा।

(ख) प्रधान लेखा कार्यालय:-

गृह मंत्रालय में विभागीय लेखा संगठन से संबंधित मामलों से जुड़े सभी प्रशासनिक कार्य करता है। यह मंत्रालय, महालेखानियंत्रक और अन्‍य संगठनों के कार्यों के समन्‍वय के लिए भी उत्‍तरदायी है।

प्रधान लेखा अधिकारी (प्रशासन) के कार्य: :-

  • स्थानांतरण/तैनाती, अटैचमेंट, तकनीकी त्यागपत्र, रिक्तियों की स्थिति का रखरखाव, नियुक्ति संबंधी पत्राचार, पीवीआर, कार्यभार ग्रहण समय में वृद्धि, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वी आर) की स्वीकृति।
  • समूह 'क' और 'ख' के स्थानांतरण/तैनाती/पदोन्नति/अभ्यावेदन/पीएडी/सीआरपीएफ कार्मिकों का संवर्गीकरण/ एमएसीपी के मामलें/ सहायक लेखा अधिकारी (एएओ) की नियुक्ति (तदर्थ और परीक्षा उत्तीर्ण अधिकारी) समूह 'क' और 'ख' के पदों की पदस्थता विवरण का रखरखाव।
  • जेम (जीईएम), सामान्य प्रशासन, प्रापण, सलाहकार नामिकायन और तैनाती। संविदा पर कर्मचारियों (डीईओएस और हाउस कीपर) को लेना।
  • एनपीएस, चेक प्रिंटिंग, ईआरएम, समूह 'ख' की डाटा एंट्री।
  • प्रतिनियुक्ति, प्रत्यावर्तन, भवन निर्माण अग्रिम (एचबीए), वेतन निर्धारण।
  • समूह 'ग' की एमएसीपी, अवर श्रेणी लिपिक, एमटीएस की पदोन्नति, परिवीक्षा पुष्टिकरण , समूह 'ग' की पदक्रम सूची, समूह 'ग' की संयुक्त वरिष्ठता सूची। टंकण परीक्षा से छूट।
  • अनुशासनात्मक/सतर्कता मामले, प्रशासन समीक्षा।
  • वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर), चिकित्सा भुगतान, पदोन्नति के लिए सतर्कता और अन्य संबंधित मुद्दे, लेखापरीक्षा से संबंधित मुद्दे, समूह 'ख' के अधिकारियों की संपत्ति का विवरण।
  • बजट, सीपीजीआरएएमएस पोर्टल, तिमाही व्यय रिपोर्ट (एमएमआईएस), इलेक्ट्रॉनिक मासिक डीओ, महत्वपूर्ण आयोजनों का मासिक डीओ, पहचान पत्र, नए पीएओ खोलना, सरकारी कर्मचारी को अग्रिम, वार्षिक रिपोर्ट, डीएओ, एमएचए के पद का सृजन।
  • निर्देशिका, सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) अग्रिम/आहरण, पासपोर्ट/वीसा प्राप्त करने के लिए एनओसी/आईसी, छुट्टियां, विदेश यात्रा और उसके लिए छुट्टी की अनुमति, सामान्य परिपत्र, संपत्ति की सूचना, बाहरी परीक्षाओं में शामिल होने की सूचना/अनुमति।
  • कानूनी मामले/अदालती मामले।
  • आरटीआई, प्रशिक्षण, सहायक लेखा अधिकारी (एएओ) परीक्षा, विभागीय पुष्टिकरण परीक्षा

लेखों के संबंध में प्रधान लेखा अधिकारी के कार्य:-

  • मंत्रालय के मासिक लेखों का समेकन और उन्हें सीजीए को प्रस्तुत करना।
  • वार्षिक विनियोजन लेखा।
  • केंद्रीय लेनदेन का विवरण।
  • लेखा की एक झलक तैयार करना।
  • केंद्रीय वित्त लेखा जो सीजीए, वित्त मंत्रालय और लेखापरीक्षा महानिदेशक, केंद्रीय राजस्व को प्रस्तुत किए जाते हैं ।
  • राज्य सरकारों को ऋण और अनुदान का भुगतान।
  • सभी वेतन एवं लेखा कार्यालय (पीएओ) और मंत्रालय को यदि आवश्यक हो, तो डीओपीटी, सीजीए, आदि जैसे अन्य संगठनों से परामर्श करके तकनीकी सलाह देना।
  • बजट रसीद तैयार करना।
  • पेंशन बजट तैयार करना।
  • चेक बुक का प्रापण और पीएओ/चेक आहरक डीडीओएस को उनकी आपूर्ति करना।
  • लेखा महानियंत्रक कार्यालय के साथ आवश्यक संपर्क बनाए रखना और लेखाकरण मामलों एवं मान्यता प्राप्त बैंक में समग्र समन्वय और नियंत्रण को प्रभावी करना। मान्यता प्राप्त बैंक, भारतीय स्टेट बैंक के माध्यम से गृह मंत्रालय की ओर से की गई सभी प्राप्तियों और भुगतानों का सत्यापन और मिलान करना।
  • भारतीय रिजर्व बैंक में गृह मंत्रालय से संबंधित लेखों का रखरखाव करना और नकदी शेष का समाधान।
  • ऋण और एलओए अनुभाग, राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों को सहायता अनुदान/ऋण जारी करने, राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों की सरकारों को स्वीकृत ऋणों के संबंध में प्राप्त अदायगी का विवरण रखने, विभिन्न मंत्रालयों/विभागों को गृह मंत्रालय की ओर से गतिविधियों को क्रियान्वित करने के लिए इसके एजेंट के रूप में सेवाओं का उपयोग करने के लिए एलओए जारी करने और जारी एल ओ ए का रिकॉर्ड रखने का कार्य करता है।

आंतरिक लेखा परीक्षा :

आंतरिक लेखा परीक्षा उन मुख्य उपकरणों में से एक है जिन्हें प्रणाली की कमियों और कमजोर कड़ियों पर आत्मनिरीक्षण करने और सुधारात्मक उपायों का सुझाव देने के लिए प्रबंधन के लिए दुनिया भर में अपनाया जाता है। प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक कार्यालय के आंतरिक लेखा परीक्षा विंग (आईएडब्ल्यू) को इस मंत्रालय और उसके सभी संबद्ध और अधीनस्थ कार्यालयों की आंतरिक लेखापरीक्षा करने और महत्वपूर्ण निष्कर्ष गृह मंत्रालय को प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो मुख्य लेखाकरण प्राधिकारी है।

  • आंतरिक लेखा परीक्षा विंग के कार्य:
  • योजना लेखा परीक्षा:
    • वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों और जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा संबंधी व्यय (SRE)।
    • प्रत्येक राज्य के पुलिस बल का आधुनिकीकरण।
  • गृह मंत्रालय और संबद्ध तथा अधीनस्थ कार्यालयों के लिए अनुपालन लेखा परीक्षा।