जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी हिंसा/उग्रवाद, खासकर इसके प्रथम चरण में, कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों को भारी पैमाने पर कश्मीर घाटी से प्रवास करने के लिए मजबूर किया। पीडित परिवारों को सहायता एवं राहत दिलाने के लिए वित्तीय सहायता/राहत तथा अन्य पहलों के रूप में एक व्यापक नीतिगत ढांचे के अन्तर्गत वर्षों से कई उपाय किए गए हैं जिससे प्रवासी जन घाटी वापस आ जाएंगे। माननीय प्रधानमंत्री जी ने 25-26 अप्रैल 2008 को अपनी कश्मीर यात्रा के दौरान, अन्य बातों के साथ-साथ, घाटी वापस आने वाले कश्मीरी प्रवासियों की वापसी एवं पुनर्वास के लिए एक पैकेज की घोषणा की । इस पैकेज के मुख्या संघटक निम्न्लिखित हैं: आवास
- पूरी तररह से या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत/पुनर्निर्माण के लिए 7.5 लाख रुपये प्रति परिवार की दर से सहायता
- जर्जर/अप्रयुक्त घरों के लिए 2.00 लाख रुपये प्रति परिवार की दर से सहायता
- 1989 के पश्चात और जम्मू एवं कश्मीर अचल संपत्ति (परिरक्षण, सुरक्षा आर्थिक तंगी में और बिक्री पर नियंत्रण 1997 का 30 मई, 1997 को अधिनियमन होने से पूर्व की अवधि के दौरान अपनी संपत्तियों को बेचने वालों को ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में खरीद/निर्माण के लिए 7.5 लाख रुपये प्रति परिवार की दर से सहायता ।
ट्रान्जिट आवास
- वापस आने वाले प्रवासी परिवारों को अपने घर की मरम्मत कराने/उसका पुन:निर्माण करने की अंतिम अवधि के दौरान ट्रान्जिट आवास उपलब्ध कराया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए तीन स्थलों पर ट्रान्जिट आवास बनाने का अनुमोदन किया गया है। वापस आने वाले जो परिवार ट्रान्जिट आवास में नहीं रहते हैं उन्हें किराया और आकस्मिक व्यय उपलब्ध कराया जाए।
विद्यार्थी छात्रवृत्ति
- प्रवासी परिवारों के बच्चों को 18 वर्ष की उम्र तक (जिस अपवादिक मामलों में 21 वर्षों की उम्र तक बढ़ाया जा सकता है) 750/- रुपये प्रतिमाह प्रति बच्चा की दर से सहायता दी जाएगी। पात्र विद्यार्थियों को जम्मू एवं कश्मीर की पुनर्वास परिषद की स्कीम के अन्तर्गत व्यावसायिक अध्ययन के लिए भी सहायता प्रदान कराई जाएगी।
रोजगार
- शिक्षित प्रवासी युवकों को राज्य सरकार की सेवा में नौकरी दिलाने और बेरोजगार युवकों को स्वरोजगार के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलाने हेतु वित्तीय सहायता (अनुदान एवं ऋण) देने का निश्चय किया गया है।
कृषकों/बागवानी करने वालों को सहायता
- कृषि भूमि धारकों को 1 लाख रुपये की एक बारगी वित्तीय सहायता प्रदान कराई जाएगी। बगीचों की बहाली के लिए 5.000 रुपये प्रति कनाल की दर से, अधिकतम 1.5 लाख रुपये के अधीन, सहायता।
ऋणों पर बयाज में छूट
- कश्मीरी पण्डितों द्वारा घाटी से प्रवास करने से पहले लिए गए ऋण संघटक पर ब्याज से छूट
घाटी वापस आने और इस पैकेज के अन्तर्गत घोषित सुविधाओं का लाभ उठाने के इच्छुक प्रवासी परिवारों को सलाह दी जाती है कि वे अद्योलिखित, निर्धारित प्रपत्र में आवश्यक जानकारी भरकर उसे राहत आयुक्त (प्रवासी) जम्मू के कार्यालय में और प्रधान रेजिडेंट आयुक्त, जम्मू एवं कश्मीर सरकार, नई दिल्लीं के कार्यालय में प्रस्तुत करें। निर्धारित प्रपत्र